मैं अपने मम्मी पापा के साथ रहती हूं. अकेली बेटी हूँ इसलिए घर वाले मुझसे बहुत प्यार करते हैं. मेरे मम्मी पापा दोनों बैंक में नौकरी करते हैं इसलिए ज्यादातर समय मैं घर में अकेली ही रहती हूं. वैसे तो मैं बहुत बार चुद चुकी हूँ मगर मेरी फुद्दी में हमेशा खुजली मची रहती. जब मैं इंटर में थी, तब मेरे ब्वॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया था क्योंकि वह मुझे धोखा दे रहा था. मगर उसके जाने के बाद तो मेरी चूत की खुजली और बढ़ गयी और इसी कारण मैं एक तगड़े लंड की तलाश में थी जो मेरी प्यास बुझा सके. फरवरी का महीना था. शाम के 4 बज रहे थे और मैं घर में अकेली. मेरी चूत में आग लगी हुई थी, तो मैं पूरी नंगी हो गयी और फ्रिज से खीरा निकाल कर अपनी चूत में रगड़ने लगी. तभी अचानक डोरबेल बजने लगी. मैं हड़बड़ाती हुई अपने कपड़े पहन कर दरवाज़े की तरफ बढ़ी. दरवाज़ा खोला तो सामने दूध वाला खड़ा था. उसे सब कालू कह कर बुलाते थे. कालू लंबा चौड़ा 36-37 साल का होगा, हमेशा धोती में रहता था. मैंने सुना था कि वह बहुत ही हरामी आदमी था. मुहल्ले की सब औरतों और लड़कियों को ऊपर से नीचे नापता रहता था. मैं वापस किचन में गयी और दूध के लिए एक बर्तन ले आयी. मुझे समझ नहीं आया कि वह इतना मुस्कुरा क्यों रहा है. मुस्कुराते मुस्कुराते वह नीचे बैठ गया और दूध बर्तन में डालने लगा.
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